एम ० एन ० श्रीनिवास ने अपने अध्यापन में इस बात को दिखाया है कि अनेक जनजातियों ने संस्कृतिकरण की प्रक्रिया को अपनाकर वर्णव्यवस्था में अपेक्षाकृत उच्च गतिशीलता कर उच्च प्रस्थिति का दावा किया और समाज ने उन्हें मान्यता भी दी।
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पूर्व मध्ययुग के ऐसे अनेक उदाहरण हैं जब कबायली क्षेत्राों में राज्य संरचना की प्रक्रिया में कबीलों के उदीयमान अभिजात वर्ग ने वर्ण जातिवादी सामाजिक वर्गीकरण अपना कर अपने राजनीतिक और आर्थिक हितों को वैध बनाया और कबीलों के आम लोगों से अपना पृथकत्व स्थापित कर उच्च प्रस्थिति और विशेषाधिकारों के हकदार बने।